रविवार, 20 सितंबर 2015

ब्रह्माकृत शिव स्तोत्रम् [ हिंदी अर्थ सहित ]




ब्रह्माकृत शिव स्तोत्रम्


परमपिता ब्रह्मा ने पर्मात्मा एवं परंब्रह्म शिव की उपासना की थी। इस स्तोत्र को ब्रह्मा कृत माना जाता है।

नमस्ते भगवान रुद्र भास्करामित तेजसे !
नमो भवाय देवाय रसायाम्बुमयात्मने !!

ब्रह्माजी बोले कि हे भगवान! हे रुद्र! आपका तेज अनगिनत सूर्यों के तेज सा है| रसरूप, जलमय विग्रहवाले हे भवदेव! आपको नमस्कार है|

शर्वाय क्षितिरूपाय नंदीसुरभये नमः !
ईशाय वसवे सुभ्यं नमः स्पर्शमयात्मने !!

नंदी और सुरभि कामधेनु भी आपके ही प्रतिरूप हैं| पृथ्वी को धारण करनेवाले हे शर्वदेव! आपको नमस्कार है| हे वायुरुपधारी, वसुरुपधारी आपको नमस्कार है|

पशूनां पतये चैव पावकायातितेजसे !
भीमाय व्योम रूपाय शब्द मात्राय ते नमः !!

अग्निरुप तेज व पशुपति रूपवाले हे देव! आपको नमस्कार है| शब्द तन्मात्रा से युक्त आकाश रूपवाले हे भीमदेव! आपको नमस्कार है|

उग्रायोग्रास्वरूपाय यजमानात्मने नमः!
महाशिवाय सोमाय नमस्त्वमृत मूर्तये !!

हे उग्ररूपधारी यजमान सदृश आपको नमस्कार है| सोमरूप अमृतमूर्ति हे महादेव! आपको नमस्कार है|


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