ब्रह्माकृत शिव
स्तोत्रम्
परमपिता ब्रह्मा ने पर्मात्मा
एवं परंब्रह्म शिव की उपासना की थी। इस स्तोत्र को ब्रह्मा कृत माना जाता है।
नमस्ते भगवान रुद्र भास्करामित
तेजसे !
नमो भवाय देवाय
रसायाम्बुमयात्मने !!
ब्रह्माजी बोले कि हे भगवान! हे
रुद्र! आपका तेज अनगिनत सूर्यों के तेज सा है| रसरूप, जलमय विग्रहवाले हे
भवदेव! आपको नमस्कार है|
शर्वाय क्षितिरूपाय नंदीसुरभये
नमः !
ईशाय वसवे सुभ्यं नमः
स्पर्शमयात्मने !!
नंदी और सुरभि कामधेनु भी आपके
ही प्रतिरूप हैं| पृथ्वी को धारण
करनेवाले हे शर्वदेव! आपको नमस्कार है| हे वायुरुपधारी,
वसुरुपधारी आपको नमस्कार है|
पशूनां पतये चैव पावकायातितेजसे
!
भीमाय व्योम रूपाय शब्द मात्राय
ते नमः !!
अग्निरुप तेज व पशुपति रूपवाले
हे देव! आपको नमस्कार है| शब्द तन्मात्रा
से युक्त आकाश रूपवाले हे भीमदेव! आपको नमस्कार है|
उग्रायोग्रास्वरूपाय यजमानात्मने
नमः!
महाशिवाय सोमाय नमस्त्वमृत
मूर्तये !!
हे उग्ररूपधारी यजमान सदृश आपको
नमस्कार है| सोमरूप
अमृतमूर्ति हे महादेव! आपको नमस्कार है|
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