रविवार, 23 अगस्त 2015

शिव स्तुति

-: स्तुति :-

ॐ नमो भगवते सदाशिवाय सकलतत्त्वात्मकाय
सकलतत्वविहाराय सकललोकैककत्रे सकललोकैकभत्रे
सकललोककैकहत्रे सकललोककैकगुरवे सकललोकैकसाक्षिणे
सकलनिगमगुह्याय सकलवरप्रदाय सकलदुरितार्त्तिभञ्जनाय
सकलजगदभयङ्काराय सकललोकैकशङ्कराय शशाङ्कशेखराय
शाश्वत निजाभासाय निर्गुणाय निरुपमाय नीरूपाय निराभासाय
निरामाय निष्प्रपञ्जाय निष्कलङ्काय निर्द्वन्द्वाय निस्सङ्गाय
निर्मलाय निर्गमाय नित्यरूपविभवाय निरुपमविभवाय निराधाराय
नित्यशुद्धपरिपूर्णसच्चिदानन्दाद्वयाय परमशान्तप्रकाशतेजोरुपाय

जय जय महारुद्र महारौद्र भद्रावतार दुःखदावदारण
महाभैरव कालभैरव कल्पान्तभैरव कपालमालाधर
खट्वाङ्गखङ्गचर्मपाशाङ्कुशडमरुशूलचापबाणगदाशक्तिभिन्दिपाल
तोमरमुसलमुद्गरपट्टिशपरशुपरिघभुशुण्डीशतघ्नीचक्रद्यायुध
भीषणकर सहस्रमुख दंष्ट्राकराल
विकटाट्टहासविस्फारितब्रह्माण्डमण्डलनागेन्द्रकुण्डल नागेन्द्रहार
नागेन्द्रवलय नागेन्द्रचर्मधर मृत्युञ्जय त्र्यम्बक
त्रिपुरान्तक विरूपाक्ष विश्वेश्वर विश्वरुप वृषभवाहन
विषभूषण विश्वतोमुख सर्वतो रक्ष रक्ष मां ज्वल ज्वल
महामृत्युभयमपमृत्युभयं नाशय नाशय विषसर्पभयं
शमय शमय चोरभयं मारय मारय मम शत्रूनुच्चाटयोच्चाटय
शूलेन विदराय विदारय खङ्गेन छिन्धि छिन्धि खट्वाङ्गेन
विपोथय विपोथय मुसलेन निष्पेषय निष्पेषय बाणै सन्ताडय
सन्ताडय रक्षांसि भीषय भीषय भूतानि विद्रावय विद्रावय
कूष्माण्डवेतालमारीगणब्रह्मराक्षसान् सन्त्रासय सन्त्रासय मामभयं
कुरु कुरु वित्रस्तं मामाश्वासयाश्वासय नरकभयान्मामुद्धरोद्धारय
सञ्जीवय सञ्जीवय क्षुत्तृड्भ्यां मामाप्याययाप्यायय दुःखातुरं
मामानन्दयानन्दय शिवकवचेन मामाच्छादयाच्छादय त्र्यम्बक सदाशिव
नमस्ते नमस्ते नमस्ते ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें