शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

गंगा की भक्ति की तीन ऐसी चमत्कारी कहानियां,

सावन ( आशुतोष ) मास के छब्बीसवें दिन में धर्म यात्रा के इस कड़ी मे हम आपको ले चलते है~कलियुग में मां गंगा के तीन चमत्कार :~
धर्म में आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं कलियुग में गंगा के चमत्कार से. कलयुग में महादेव के प्रति गंगा की भक्ति की तीन ऐसी चमत्कारी कहानियां, जिसमेँ आप जान चुके है रामगढ़ मेँ मां गंगा 24 घंटे महादेव का अभिषेक करती टुटी झरना शिव मंदिँर अब आगे जाने
ओलपाड में बने सिद्धनाथ मंदिर और वडोदरा में गल्तेश्वर मंदिर !
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इस रूप में सृष्टि के संहारक शिव और जीवनदायिनी मां गंगा के एक साथ दर्शन होते हैं.
यह तो आपने सुना ही होगा कि गंगा शिव की जटाओं से होकर निकली थीं. महादेव ने गंगा के वेग को थाम लिया था. इस खंडित शिवलिंग के पीछे की कहानी हम आपको बताते हैं. गुजरात के सूरत जिले के ओलपाड में बने सिद्धनाथ मंदिर में स्थापित इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि ये स्वयंभू है और सैकड़ों सालों से खंडित अवस्था में है. कहते हैं सैकड़ों साल पहले सिद्धनाथ महादेव मंदिर को लुटेरों ने लूटने की कोशिश की. लुटेरों को लगा कि शिवलिंग के नीचे खजाना छिपा है. इसलिए उन्होंने शिवलिंग पर कुल्हाड़ी से कई प्रहार किए, जिससे इसमें छेद हो गए. कहा जाता है कि तब महादेव क्रोधित होकर इन छिद्रों से भंवरों के रुप में प्रकट हुए और उन्होंने लुटेरों को मार भगाया. मंदिर के पुजारी जनक भाई गोस्वामी ने बताया कि लुटेरे तो भाग गए लेकिन मंदिर की पवित्रता लौटाने के लिए महादेव को गंगा का आह्वान करना पड़ा. शिव की आज्ञा से शिवलिंग में प्रकट हुयी गुप्त गंगा आज भी इसमें अपनी लय में बहती हैं.
वैसे हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक खंडित शिवलिंग की आराधना नहीं की जानी चाहिए, लेकिन यहां केवल महादेव के इस चमत्कारी रूप की पूजा की जाती है बल्कि विधि-विधान का पालन भी किया जाता है. पूजा से पहले महादेव को शिवलिंग से निकलने वाले जल से ही स्नान कराया जाता है. भक्त शिव के इस रूप के दर्शन कर निहाल हो जाते हैं.
एक श्रद्धालु ज़न्खना बेन पटेल कहते हैं कि शिवलिंग में शिव के आदेश पर प्रकट हुए जल को यहां आने वाले भक्त गंगा जल की तरह इस्तेमाल करते हैं. अब इसे चमत्कार नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे कि जहां इस मंदिर के आस-पास का पानी समुद्र की निकटता की वजह से बेहद खारा है वहीं शिवलिंग से निकलने वाला जल नारियल के पानी की तरह मीठा है. यहां आने वाले भक्तों को जहां महादेव के दर्शनों का सौभाग्य मिलता है वहीं गंगाजल उन्हें कई तरह की बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है.
वडोदरा में गल्तेश्वर मंदिर में भी गुप्त गंगा बहती है. यह गंगा महादेव के चरण धोती है. गंगा के यहां गलती नदी के नाम से पुकारते हैं भक्त. कहते हैं गल्तेश्वर महादेव के चरणों का स्पर्श करने के लिए मां गंगा यहां अपनी राह बदल कर आती हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में एक लाख छेद वाले शिवलिंग में गंगा और यमुना दोनों की ही वास है. भक्तों को यहां महादेव के साथ-साथ मां गंगा और यमुना का आशीर्वाद भी मिलता है.
♥✨ψψ✨♥

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